The Greatest Guide To कोकिला-व्रत-कथा

देवी सती का जन्म राजा दक्ष की बेटी के रुप में होता है। राजा दक्ष को भगवान शिव अत्यधिक अप्रिय थे।

इसके पश्चात धूप और घी का दीपक जलाकर शिव जी आरती करें और फिर कोकिला व्रत कथा का पाठ करें।

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इसका व्रत करने से किस फल की प्राप्ति होती है?

महाप्रभु जगन्नाथ को कलियुग का भगवान भी कहते है. पुरी (उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है.

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इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

साथ ही इसमें शाम की पूजा का विशेष महत्व है तो शाम के समय शिवजी की आरती करें और बाद में उन्हें भोग लगाएं। शाम की पूजा के बाद ही फलाहार करें।

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पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।

जब कृष्ण जी ने ये सुना तो भागते हुए आये और उन्होंने भी मोर को प्रेम से गले लगा लिया और बोले हे मोर, तू कहा से आया हैं।...

इस व्रत को निष्ठा और श्रद्धा के here साथ करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

यह व्रत आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

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